Hindi News Religion Culture Nag Panchami 2022 Date: कब है नाग पंचमी, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं
  • Nag Panchami 2022 Date: कब है नाग पंचमी, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

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    • 19 Jul,2022 05:07 PM
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  • त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में अगस्त महीनें में सबसे पहले नाग पंचमी का त्योहार आने वाला है बता दें कि इस बार  2 अगस्‍त 2022, मंगलवार को मनाई जाएगी। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से नाग देवता और शिव जी दोनों की कृपा मिलती है और जीवन के कई संकट-मुसीबतें दूर होती हैं। आईए जानते हैं इस त्योहार के बारे में खास बातें----

    नाग पंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
    पुराणों के मुताबिक, जिस दिन ब्रह्माजी ने नागो को रक्षा का उपाय बताया था वह पंचमी तिथि थी। आस्तिक मुनि ने सावन की पंचमी को ही नागों को यज्ञ में जलने से बचाया और इनके ऊपर दूध डालकर जलते हुए शरीर को शीतलता प्रदान किया। इस समय ही नागों ने आस्तिक मुनि से कहा कि पंचमी को जो भी मेरी पूजा करेगा उसे नागदंश का भय या डर नहीं रहेगा।

    नाग पंचमी के दिन क्य़ा करें
    नाग पंचमी के दिन कई लोग भगवान सिव को प्रसन्न रखने के लिए व्रत-उपवास भी रखते है और ऐसा  मानना है कि व्रत करने से सांप के काटने से बचा जा सकता है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करते समय उन्हें दूध, मिठाई और फूल अवश्य चढ़ाने चाहिए। जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु केतु भारी हैं उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता का पूजव अवश्य करना चाहिए।  ध्यान रखें नाग देवता को कभी पीतल के लोटे से दूध नहीं चढ़ाना चाहिए, बल्कि  तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए।

    नाग पंचमी के दिन क्या क्या नहीं करना चाहिए?
    नाग पंचमी के दिन  नाग देवता की पूजा की जाती है ऐसे में  हमें कई ऐसी चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए जो इस दिन हमें नहीं करनी चाहिए।  नाग पंचमी के दिन धरती पर हल भी नहीं चलाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन सुई में धागा भी नहीं डालना चाहिए। इसके अलावा नाग पंचमी के द‍िन आग पर तवा और लोहे की कढ़ाही चढ़ाना भी अशुभ माना जाता है।

    पूजा के दौरान हल्दी का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा धूप-दीप के बाद नाग देवता को मिठाई का भोग लगाना चाहिए। बता दें क‍ि इस वर्ष नाग पंचमी का पर्व 25 जुलाई यानी क‍ि शन‍िवार को है। इस द‍िन नाग पंचमी का पर्व उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र के प्रथम चरण के दुर्लभ योग में पड़ रहा है। इस योग में कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूजा का विधान है।

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